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Holi 2023: यह है होलिका दहन मुहूर्त, जानिए कब आरंभ होंगे होलाष्टक

          🙏🙏   धर्म/ज्योतिष🙏🙏 Holi 2023: यह है होलिका दहन मुहूर्त, जानिए कब आरंभ होंगे होलाष्टक Holi 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह की पूर्णिमा को होली का पर्व आता है। शुक्ल पक्ष की अष्टमी से होलाष्टक भी आरंभ हो जाएंगे Holi, Holi 2023, Holashtak, Holi Ke Upay, Holi Ke Totke Holi 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह की पूर्णिमा को होली का पर्व आता है। इस दो दिवसीय पर्व में एक दिन होलिका दहन किया जाता है। दूसरे दिन होली खेली जाती है। इसके साथ ही फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से होलाष्टक आरंभ हो जाएंगे। इनका समापन आठ दिन बाद पूर्णिमा के दिन यानि होली पर होगा। कब है होलिका दहन का मुहूर्त (Holi 2023 Date and Muhurat) ज्योतिषियों ने होलिका दहन को लेकर मुहूर्त भी बता दिए हैं। उनके अनुसार होलिका दहन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त 7 मार्च 2023 को सायं 6.24 बजे से 8.51 बजे तक है। इसके साथ ही होलाष्टक को लेकर भी कई नियमों की पालना अष्टमी से आरंभ कर दी जाएगी। होलाष्टक को माना जाता है अशुभ ज्योतिष में होलाष्टक को समस्त कार्यों के लिए अशुभ माना गया ह...

🙏🙏 👍दुष्टों की संगति 🙏🙏*

 *🙏🙏दुष्टों की संगति🙏🙏* 🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻 पुराने समय की बात है। एक राज्य में एक राजा था। किसी कारण से वह अन्य गाँव में जाना चाहता था। एक दिन वह धनुष-बाण सहित पैदल ही चल पड़ा। चलते-चलते राजा थक गया। अत: वह बीच रास्ते में ही एक विशाल पेड़ के नीचे बैठ गया। राजा अपने धनुष-बाण बगल में रखकर, चद्दर ओढ़कर सो गया। थोड़ी ही देर में उसे गहरी नींद लग गई। उसी पेड़ की खाली डाली पर एक कौआ बैठा था। उसने नीचे सोए हुए राजा पर बीट कर दी। बीट से राजा की चादर गंदी हो गई थी। राजा खर्राटे ले रहा था।  उसे पता नहीं चला कि उसकी चादर खराब हो गई है। कुछ समय के पश्चात कौआ वहाँ से उड़कर चला गया और थोड़ी ही देर में एक हंस उड़ता हुआ आया। हंस उसी डाली पर और उसी जगह पर बैठा, जहाँ पहले वह कौआ बैठा हुआ था अब अचानक राजा की नींद खुली। उठते ही जब उसने अपनी चादर देखी तो वह बीट से गंदी हो चुकी थी। राजा स्वभाव से बड़ा क्रोधी था। उसकी नजर ऊपर वाली डाली पर गई, जहाँ हंस बैठा हुआ था। राजा ने समझा कि यह सब इसी हंस की ओछी हरकत है। इसी ने मेरी चादर गंदी की है। क्रोधी राजा ने आव देखा न ताव, ऊपर बैठे हंस को अपना तीखा बाण चल...

शास्त्रों के अनुसार पूजा अर्चना में वर्जित काम

 शास्त्रों के अनुसार पूजा अर्चना में वर्जित काम १) गणेश जी को तुलसी न चढ़ाएं २) देवी पर दुर्वा न चढ़ाएं ३) शिव लिंग पर केतकी फूल न चढ़ाएं ४) विष्णु को तिलक में अक्षत न चढ़ाएं ५) दो शंख एक समान पूजा घर में न रखें ६) मंदिर में तीन गणेश मूर्ति न रखें ७) तुलसी पत्र चबाकर न खाएं ८) द्वार पर जूते चप्पल उल्टे न रखें ९) दर्शन करके बापस लौटते समय घंटा न बजाएं १०) एक हाथ से आरती नहीं लेना चाहिए ११) ब्राह्मण को बिना आसन बिठाना नहीं चाहिए १२) स्त्री द्वारा दंडवत प्रणाम वर्जित है १३) बिना दक्षिणा ज्योतिषी से प्रश्न नहीं पूछना चाहिए १४) घर में पूजा करने अंगूठे से बड़ा शिवलिंग न रखें १५) तुलसी पेड़ में शिवलिंग किसी भी स्थान पर न हो १६) गर्भवती महिला को शिवलिंग स्पर्श नहीं करना है १७) स्त्री द्वारा मंदिर में नारियल नहीं फोडना है १८) रजस्वला स्त्री का मंदिर प्रवेश वर्जित है १९) परिवार में सूतक हो तो पूजा प्रतिमा स्पर्श न करें २०) शिव जी की पूरी परिक्रमा नहीं किया जाता २१) शिव लिंग से बहते जल को लांघना नहीं चाहिए २२) एक हाथ से प्रणाम न करें २३) दूसरे के दीपक में अपना दीपक जलाना नहीं चाहिए २४.१)चरणाम...