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शीतला माता की कथा

 शीतला माता की कथा होली के सात दिन बाद बासोड़ा बनाया जाता है। होली के बाद के 7 दिन के बाद बनाया जाता है। इस बासौड़ा इस बार 13 मार्च  सोमवार को मनाया जाएगा । इसलिए  रविवार 12 मार्च को रात में खाना बनाकर रखते हैं और फिर सुबह पूजा जाता है। इसके पीछे की प्राचीन तथा है जो मैं नीचे दे रही हूं यह कथा बहुत पुरानी है।  एक बार शीतला माता ने सोचा कि चलो आज देखु कि धरती पर मेरी पूजा कौन करता है, कौन मुझे मानता है। यही सोचकर शीतला माता धरती पर राजस्थान के डुंगरी गाँव में आई और देखा कि इस गाँव में मेरा मंदिर भी नही है, ना मेरी पुजा है। माता शीतला गाँव कि गलियो में घूम रही थी, तभी एक मकान के ऊपर से किसी ने चावल का उबला पानी (मांड) निचे फेका। वह उबलता पानी शीतला माता के ऊपर गिरा जिससे शीतला माता के शरीर में (छाले) फफोले पड गये। शीतला माता के पुरे शरीर में जलन होने लगी।   शीतला माता गाँव में इधर उधर भाग भाग के चिल्लाने लगी अरे में जल गई, मेरा शरीर तप रहा है, जल रहा हे। कोई मेरी मदद करो। लेकिन उस गाँव में किसी ने शीतला माता कि मदद नही करी। वही अपने घर के बहार एक कुम्हारन (महिला) ...

बृज के रसिया 🙏🙏

 🥰🥰🥰🙏🙏//रसिया//🙏🙏🥰🥰             -------------------- सखी:-कैसो मांगे दान दही को,रोकै मारग गिरधारी कान्हा:-नित प्रति निकसि गई चोरी तें, गोरी बरसाने वारी सखी:- रोकै मत गैल,नयो दानी भयो छैल           सुन नन्द के ठगैल,तेरें लाज न रही           रही कुल की जो रीत, और आपस की प्रीत           ऐसी करै अनरीति, नीति तोर क्यों दई           दई उलटी चाल चलाय,जाय नैक पूछौं महतारी           कैसो मांगें दान दही को.......... कान्हा:-पूछूं कहा माय,दान लैहुंगौ चुकाय            नाहिं सूधि बतराय,इठलाय क्यों घनी            घनी देखी नई नारि,बनै बड़े की कुमारि             मोतें कहै ठगवार,लगै आप ठगनी            ठग नैना तेरे चपल गुजरिया,हिरदै की कारी            नित प्रति निकसि गई चोरी तें,........ सखी...

नंदगांव की लट्ठमार होली पर कथा

  🙏🙏 नंदगांव की लट्ठमार होली 😀😀🥰     एंकर - राधा रानी के गाँव बरसाना में लड्डू तथा लठ् ठमार होली के बाद अब बारी है श्री     कृष्ण के गाँव नंदगाँव की .यहाँ बरसाने से आये हुरियारों की खबर नंदगाँव की हुरियारिनों ने ली और राधा जी के गाँव से आये हुरियारों जम कर लाठियां बरसाईं      वीओ - बसंत पंचमी से सुरु हुई ब्रज की होली की धूम अब धीरे धीरे चहुओर दिखने लगी है बरसाने में खेली गयी विश्व प्रसिद्ध लठमार होली के बाद अब बारी थी श्री कृष्ण की गोपियों की जिन्होंने नंदगाँव में बरसाने से होली खेलने आये हुरियारों की जमकर लाठियों से खबर ली द्वापुर युग से चली आ रही इस लठामार होली की परम्परा को आज भी यहाँ गोप तथा गोपियों ने बखूबी निभाया .                                                 वीओ फाग मांगने बरसाने से नंदगाँव आये हुरियारों ने सबसे पहले नंदगाँव के प्रमुख मंदिर पहुँच कर समाज गायन किया इस दौरान नंदगाँव के गुवालों ने इन पर जमकर...